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आज हम एक ऐसे पौधे के बारे में बात करेंगे। जो अपनी पत्तियों के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। जिसका नाम सेज का पौधा है। इस लेख में हम सेज के पौधे Sage Plant in Hindi और पत्तियों Sage Leaves की जानकारी के बारे में जानेगे। सेज का उपयोग ज्यादातर मसाले के रूप में किया जाता है। अगर किसी भी सब्जी में मसाले को ना डाला जाएँ, तो इससे खाना स्वादिष्ट नहीं बनता है। अगर आपको खाना बनाना पसंद है, तो आपको इस मसाले के बारे में जरूर जानना चाहिए। इसके अलावा हम इस लेख में Sage Leaves Meaning in Hindi यानी की सेज की पत्तियों और पौधे का क्या अर्थ होता है। यह भी जानेगे। तो चलिए जानते है, सेज के बारे में सभी जानकारी हिंदी में –

 

 

 

 

Sage Plant in HIndi

सेज के पौधे की जानकारी Sage Plant in Hindi 

सेज एक बारहमासी पौधा है, जिसके तेज पत्ता के नाम से भी जाना जाता है। सेज का वैज्ञानिक नाम Scientific Name – साल्विया ऑफिसिनैलिस (Salvia Officinalis) है। अंग्रेजी में इसे सेज Sage कहते है। यह एक औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग जड़ी बूटियों में भी किया जाता है। सेज Mint परिवार से सम्बंधित है। इसकी व्यापक रूप से खेती की जाती है। यह सबसे ज्यादा भूमध्यसागरीय क्षेत्र में पाया जाता है, इसके अलावा सेज को और भी कई अन्य देशो में उगाया जाता है।

सेज के पौधे की पत्तियां खाने योग्य होती है। इस पौधे के ऊपर नीले, सफ़ेद और बैंगनी रंग के फूल खिलते है। इसकी खेती पूरी दुनिया के सभी हिस्सों में की जाती है। सेज की खेती करने वाले कुछ प्रमुख देशो में पुर्तगाल, स्पेन, अल्बानिया, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, यूगोस्लाविया, कनाडा, ब्रिटेन, और भारत शामिल है।

सेज की पत्तियों की जानकारी Sage Leaves in Hindi 

Sage Leaves in Hindi

सेज के पौधे की पत्तियों का आकर लगभग दो से चार इंच लम्बा और एक से डेढ़ इंच चौड़ा होता है। जिसके बीचो बिच में एक हलकी गहरी रेखा होती है। इन पत्तियों की बनावट तिरछी होती है, तथा इनका रंग हल्का भूरा और बैंगनी होता है। यह बहुत मखमली और मुलायम होती है। इन पत्तियों की निचली सतह पर हलके रोयेदार बाल होते है, जिसके कारण यह भूरे रंग की नजर आती है।

सेज के फूलों का रंग प्रजाति के अनुसार अलग अलग होता है। लेकिन सामान्यतौर पर सेज के फूल नीले, सफ़ेद, और बैंगनी होते है। जो बहुत ही आकर्षक होते है। यह फूल गर्मियों के मध्य से लेकर सर्दियों तक खिलते है। इन फूलों का उपयोग कई जड़ी बूटियों में भी किया जाता है। इनके अंदर समृद्ध मात्रा में पोषक तत्व, और मिनिरल्स पाए जाते है।

सेज पौधे का इतिहास History of Sage Plant in Hindi

सेज का उपयोग प्रचीनल काल से ही औषिधीय और खाना बनाने के लिए किया जा रहा है। सेज के पौधे का बहुत पुराना इतिहास है। एक समय था, जब फ्रांसीसी लोग सेज की व्यावसायिक रूप से खेती किया करते थे। उस समय सबसे ज्यादा चाय के रूप में इसका सेवन किया जाता है। 812 ईस्वी के दौरान सेज के पौधे को सभी लोग जानने लगे थे। यह इतना ज्यादा महत्वपूर्ण हो चूका था, की शारलेमेन ने जर्मन इंपीरियल खेतों पर इसकी खेती कराई।

प्राचीन रोम में सेज एक मात्र ऐसा पौधा हुआ करता था। जिसमे इतने अधिक चिकित्सा गुण पाए जाते थे। चीन के लोगो ने सेज का उपयोग कई रोगो में किया है। 10 वीं शताब्दी के दौरान रोम के लोगो का ऐसा मानना था, की उनकी बढ़ती उम्र का रहस्य सेज या ऋषि का पौधा है। इसके इन सारे गुणों को देखते हुए सन 2001 में सेज के पौधे को “हर्ब ऑफ द ईयर” के खिताब से सम्मानित किया गया था।

Sage Plant, Leaves Called in Hindi

सेज के पौधे को हिंदी में ऋषि या तेजपत्ता का पौधा कहते है। और इसकी पत्तियों को तेज पत्ते के नाम से भी जाना जाता है। ये एक प्रकार की ख़ास पत्तियां होती है। जिन्हे मसाले और अन्य खाद्य पदार्थो में उपयोग किया जाता है।

सेज के प्रकार Types of Sage Plant in Hindi

Types of Sage Plant in Hindi

सेज के पोधो की एक बड़ी श्रृंखला है। यह पौधे कई प्रकार के होते है। प्रत्येक पौधे का रंग और आकार प्रजाति के अनुसार अलग होता है। इनमे से कुछ पौधे बारहमासी और कुछ वार्षिक होते है। लेकिन सामान्यतौर पर ज्यादातर पौधे बारहमासी होते है। इनमे से कुछ मुख्य प्रजाति वाले पौधे बहुत लोकप्रिय होते है, जिनमे गोल्डन सेज, बैंगनी सेज, और नील फूलों वाली Russian Sage मुख्य है। आइये जानते है, सेज के पौधे के कुछ प्रकार के बारे में –

  • ऑटम सेज – इस प्रजाति में सेज की शाखाएं लाल रंग की होती है, साथ ही इसके फूलों का रंग भी लाल होता है। इसकी खेती सबसे ज्यादा दक्षिणी कैलिफोर्निया में होती है।
  • दक्षिणी अफ्रीकन सेज – जैसा की इसके नाम से ही आप जान सकते है, यह दक्षिण अफ्रीका में पायी जाने वाली एक सेज की प्रजाति है। इसके फूलों का रंग हल्का सफ़ेद होता है।
  • कैनरी आइलैंड सेज – इस सेज का अपना एक इतिहास है। यह सबसे पहले अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी तट देखी गयी थी। सेज के इस पौधे पर बैगनी रंग के फूल खिलते है।
  • गार्डन सेज – इस एक प्रकार की सामान्य सेज है। जिसका उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। इसके पत्ते बहुत ही कोमल और मुलायम होते है। इस प्रजाति के पोधो की पत्तियों का रंग हल्का भूरा होता है, जिन पर बैंगनी रंग के फूल खिलते है।
  • मैक्सिकन बुश सेज – इसका वानस्पतिक नाम Salvia Leucantha है। इस प्रजाति के पौधे मध्यम से बड़े झाड़ीदार आकार के होते है। इस पौधे की पत्तियों का रंग गहरा भूरा होता है। मैक्सिकन बुश सेज पर मध्य गर्मियों से लेकर सर्दियों तक फूल खिलते है। इन फूलों का रंग बैंगनी होता है। इस प्रजाति की दक्षिणी कैलिफोर्निया में व्यापक रूप से खेती की जाती है।
  • वुडलैंड सेज – इसका वैज्ञानिक नाम साल्विया नेमोरोसा है। वुडलैंड सेज एक बारहमासी बढ़ने वाला पौधा है। इसकी ऊंचाई एक फिट से ज्यादा नहीं होती है। इसके पत्तो का रंग भूरे हरे रंग का होता है। जब इसके ताजा पत्तो को तोड़ा जाता है, तो इनके अंदर से आकर्षक सुगंध आती है। इसके स्पाइक्स नील और बैंगनी रंग के छोटे फूलों से ढके हुए होते है। इस पौधे पर गर्मियों की शुरुआत में फूल खिलते है। इस पौधे को धुप की ज्यादा आवश्यकता होती है।
  • साल्विया ब्रांडेगी – इस प्रजाति के पौधे सांता रोसा आइलैंड और कैलिफोर्निया में सबसे ज्यादा पाए जाते है। इन पोधो पर आसमानी रंग के फूल खिलते है।

Sage Plant, Leaves Meaning in Hindi

सेज एक प्रकार का पौधा है। जिसकी पत्तियों को मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। इसकी हरी और ताज़ी पत्तियों सुगन्धित होती है। इसके अलावा सेज के पौधे को जड़ी बूटियों (Herb) में भी उपयोग किया जाता है। इस पौधे का रंग हल्का भूरा और हरा होता है। सेज की व्यापक रूप से बारहमासी खेती की जाती है।

सेज के फायदे Benefits of Sage in Hindi

Benefits of Sage in Hindi

सेज एक औषधीय पौधा है, जिसके अंदर कई ऐसे गुण पाए जाते है। जो की हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है। आइये जानते है, सेज के कुछ फायदे के बारे मैं।

त्वचा के लिए फायदेमंद सेज – सेज के एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। जो त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा सेज के तेल से बने कई प्रोडक्ट का उपयोग भी त्वचा के लिए किया जाता है।

सेज कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है। यह शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रोल को कम करके अच्छा कोलेस्ट्रोल स्तर बढ़ता है। इसके लिए आप सेज से बनी चाय का सेवन कर सकते है। इसके अलावा सेज हृदय सम्बन्धी बिमारियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

सेज हमारे मस्तिष को मजबूत बनाने में भी बहुत सहायक होता है। इसके अंदर पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, और एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष सम्बंधी बीमारियाँ को दूर करने में बहुत सहायक होते है। यह तनाव को दूर करता है, और मन को शांत करता है। जिसकी वजह से हमारा मस्तिष सक्रीय रहता है। इसके लिए आप सेज के अर्क से बनी कुछ हर्बल दवाइयों का उपयोग कर सकते है। सेज से बनी किसी भी दवाई को लेने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर ले।

सेज की पत्तियों में बैक्टीरिसाइड गुण पाए जाते है। इसके उपयोग से मुँह और दातों को स्वस्थ रखा जा सकता है। यह हमारे मुँह के अंदर के बैक्टीरिया को नष्ट करते है। इसके अलावा सेज की चाय के सेवन से गले की समस्यां भी ठीक होती है।

सेज के अंदर समृद्ध मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जो की शरीर की फालतू चर्बी को कम करने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। कुछ शोध के मुताबिक ऐसा माना जाता है, की फाइबर हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, और यह खाना पचने की प्रक्रियां को धीरे कर देता है। जिसकी वजह से भूख कम लगती है। जिसकी वजह से वजन कम करना बहुत आसान हो जाता है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते है, तो सेज के पत्तो का सेवन जरूर करें।

सेज के उपयोग How to Use of Sage Leaves in Hindi

  • सेज की पत्तियों का उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है।
  • सेज की पत्तियों को सब्जी में डाला जाता है, जिससे खाना स्वादिष्ट हो जाता है।
  • इसकी पत्तियों की चाय भी बनाकर पी सकते है, जो की स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है।
  • सेज की पतियों का उपयोग सूप बनाने के लिए भी किया जाता है।
  • सेज के पत्तो को सैंडविच के बिच में अन्य सामग्रियों के साथ रखकर भी खाया जा सकता है।
  • सेज की पत्तियों का उपयोग कई सौन्दर्य उत्पादों में भी किया जाता है।

सेज में पाए जाने वाले पोषक तत्व

सेज पोषक तत्वों से भरपूर औषधीय पौधा है। Sage Herb in Hindi सेज में पाए जाने वाले पोषक तत्व कुछ इस प्रकार है –

  • पानी
  • ऊर्जा
  • प्रोटीन
  • कार्बोहाइड्रेट
  • फाइबर, टोटल डाइटरी
  • टोटल लिपिड (फैट)
  • कैल्शियम
  • आयरन
  • मैग्नीशियम
  • फास्फोरस
  • पोटैशियम
  • सोडियम
  • जिंक
  • विटामिन बी
  • विटामिन ए
  • विटामिन के
  • विटामिन सी
  • राइबोफ्लेविन
  • विटामिन ई

सेज के नुकसान Side Effects of Sage Leaf in Hindi

  • सेज के उपयोग और सेवन के कुछ नुक्सान भी हो सकते है। अगर इसका ज्यादा सेवन किया जाता है, तो इससे चाकर आना, ज्यादा गर्मी लगना जैसी समस्यां हो सकती है।
  • अगर आपको किसी भी तरह की कोई बीमारी है, तो सेज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिये।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना कभी भी सेज से बने प्रोडक्ट का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे आपको नुक्सान हो सकते है।
  • आप सेज के फायदे पढ़कर इसके सेवन का उपयोग करने के बारे में सोच रहे होंगे। लेकिन आपसे निवेदन है, की बिना डॉक्टर की सलाह के सेज से बनी किसी भी चीज का सेवन ना करें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

सेज की खेती की जानकारी

सेज की खेती करने के लिए ज्यादा देखभाल करने की जरुरत नहीं होती है। लेकिन शुरुरात में इसकी अच्छी तरह से देखभाल करनी होती है। जिस खेत में सेज की खेती करनी हो। वहां की मिटटी का उपजाऊ होना बहुत ही आवश्यक है। आइये जानते है, सेज की खेती के बारे में कुछ सामान्य जानकारी।

भूमि का चुनाव – सेज या किसी भी तरह की खेती करने से पहले भूमि का चुनाव करना बहुत जरुरी होता है। वैसे तो सेज की खेती किसी भी तरह की भूमि में की जा सकती है। लेकिन भूमि की मिट्टी उपजाऊ होना बहुत जरुरी है। अगर आपके खेत की मिटटी उपजाऊ नहीं है, तो आप इसके लिए किसी कृषि सलाहकार से मदद ले सकते है। इसके अलावा आप अपने खेत में गोबर की खाद डालकर उसके कई बार जुताई करके उपजाऊ बना सकते है। इस तरह की मिटटी में सेज की खेती बहुत आसानी से की जा सकती है।

जलवायु कैसी होनी चाहिए – सेज का पौधा किसी भी प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है। इसके लिए कोई एक जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है। इस पौधे को माध्यम तापमान पसंद होता है।

पौधा लगाने का समय – सेज के पौधों की पौध बनाने के लिए बीजारोपण का समय जुलाई से अगस्त के महीनो का होता है। जब बीजो से पौधे अंकुरित हो जाते है, तो इसके बाद इन पोधो को लगाने का सबसे अच्छा समय अगस्त से अक्टूबर का माना जाता है। इस दौरान यह पौधे बहुत अच्छी बढ़वार करते है।

पौधा लगाने का तरीका – सेज का पौधा लगाने के लिए आपको खेत में लगभग पांच से आठ इंच गहरा गड्डा करना चाहिए। इसके बाद पौधे को गड्डे में लगा दें। और ऊपर से मिटटी पौधे की जड़ में मिटटी डाल दें। इसी तरह से आप प्रत्येक पौधे के बिच में आधा मीटर की दुरी रखकर पौधा लगा सकते है।

सिचाई कैसे करें – सेज की खेती को हल्का हल्का पानी देते रहना चाहिए। पौधे लगाने के बाद पुरे खेत में पानी भर देना चाहिए। इसके बाद जब भी खेत की मिटटी सूखने लगे, तो इसे पानी से भर देना चाहिए। खेत में हलकी नमी हमेशा बनाये रखनी चाहिए। इसे पोधो की बढ़वार अच्छी होती है।

Sage Plant FAQ

सेज के पत्ते किस के लिए लाभदायक है?

सेज स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक जड़ी बूटियों में से एक है। इसके अंदर उच्च एंटीऑक्सिडेंट गन पाए जाते है। जो की मस्तिष्क और कोलेस्ट्रॉल जैसी चीजों में यह बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा सेज का उपयोग मसाले के रूप में भी किया जाता है। सेज का सेवन चाय के रूप में भी किया जा सकता है।

क्या सेज के पत्तो को खाया जा सकता है?

जी हाँ, सेज के पत्तो का उपयोग खाने के लिए किया जा सकता है। सेज के पत्तो का उपयोग खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके पत्तो को सुगन्धित चीजे बनाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। क्योकिं इसके अंदर से एक आकर्षक सुगंध आती है।

क्या बगीचे में सेज को लगाया जा सकता है?

सेज का पौधा अपनी सुगन्धित खुशबू और तेल के लिए अधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा यह मसाले के लिए रसोई में भी बहुत लोकप्रिय है। अगर आप अपने बगीचे में सेज को किसी अच्छी जगह पर लगते है, तो यह कई वर्ग मीटर में फेल सकता है। वसंत के मौसम में आप सेज को लगा सकते है।

क्या सेज के पौधे हर साल फिर से उग जाते है?

सेज की कुछ प्रजातियां बारहमासी होती है, जो की प्रत्येक साल वापस उग जाती है। यह झाड़ीदार आकर में एक बड़े वर्ग में फैलती है।

क्या सेज के पौधों को धुप और छाया की आवश्यकता होती है?

सेज के पौधे हलकी धुप में भी बहुत आसानी से उग सकते है। इसके अलावा इन पोधो को घर के अंदर इंडोर भी लगाया जा सकता है। घर के अंदर जिस जगह पर पौधे लगाया जाए, वजहें पर खिड़की से हलकी धुप जरूर आनी चाहिए।

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