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Lagna Rashi Kaise Pta Kare | जाने यहां अपने नाम कि लग्न राशि से जुड़ी जानकारी

Lagna Rashi Kaise Pta Kare | Jane Apni Lagna Rashi Kya Hai – दोस्तों इस लेख में अपनी लग्न राशि कैसे पता करें इससे जुड़ी जानकारी देने जा रहे है.

दोस्तों इस वर्तमान समय में अधिकांश लोग अपनी राशि या लग्न राशि (Lagna Rashi) जानने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे किसी कारणवश नहीं जान पाते हैं. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारतीय ज्योतिष के अनुसार आपके जीवन की भविष्यवाणी लग्न से ही होती है. क्योंकि व्यक्ति अपने लग्न से अपनी प्रेरणा तथा महत्वपूर्ण विशेषताओं की गहरी समझ प्राप्त कर सकता है.

तो चलिए आगे जानते हैं, लग्न राशि कैसे पता करे (Lagna Rashi Kaise Pta Kare), अगर आप भी अपनी लग्न राशि के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस लेख में हम आपको लग्न राशि कैसे पता करे इसकी सारी जानकारी से रूबरू करने जा रहे हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़े –

 

Apni Rashi Kaise Pata Kare | अपने नाम के पहले अक्षर से अपनी राशि का पता करें

 

Lagna Rashi Kaise Pta Kare | Jane Apni Lagna Rashi Kya Hai

 

लग्न राशि कैसे पता करे (Lagna Rashi Kaise Pta Kare | Jane Apni Lagna Rashi Kya Hai in Hindi)

यदि आप अपनी लग्न राशि (Lagna Rashi) या राशि जानना चाहते हैं, तो आपको अपना जन्म स्थान, जन्म तिथि और जन्म का समय पता ज्ञात होना चाहिए. क्योंकि लग्न से ही व्यक्ति के चरित्र का आकलन जैसे रंग, चेहरे की बनावट, व्यक्तित्व तथा प्रभाव का पता चलता है. इसलिए कुंडली में 12 भाव होते हैं. इन 12 भावों में से प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है. यह बच्चे के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज में उदय होने वाली राशि के आधार पर निर्धारित किया जाता है.

हालांकि इसमें लग्न राशि या जन्म राशि अलग-अलग है, लेकिन आपकी जन्म राशि के अनुसार आपकी जन्म राशि है, इसलिए यह आवश्यक नहीं है कि आपका लग्न राशि आपकी जन्म राशि के अनुसार हो. क्योंकि इसमें 12 राशियां होती हैं, जो अलग-अलग है और इन 12 राशियों में से कोई भी आपकी राशि हो सकती है.

 

शादी राशि क्या होती है (What is the Marriage Rashi Information in Hindi)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के पहले भाव को लग्न कहा जाता है. हालांकि लग्न भाव कुंडली के प्रथम भाव में स्थित राशि का स्वामी लग्नेश कहलाता है. ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन चक्र के विभिन्न पहलुओं तथा परिस्थितियों का आकलन करने के लिए कुंडली के बारह भावों, नौ ग्रहों और बारह राशियों की गणना और विश्लेषण का उपयोग किया जाता है.

क्योंकि किसी भी व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन का दर्पण स्वरूप होती है. हालांकि कुंडली के विश्लेषण में कुंडली के बारह भावों का अपना-अपना महत्व है, पर कुंडली के लग्न या लग्न भाव को सबसे अधिक महत्व दिया गया है. लेकिन इसमें किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर उदय होने वाली राशि लग्न कहलाती है.

वैसे तो हर व्यक्ति की कुंडली में 12 भाव होते है, जो कुंडली का पहला भाव लग्न होता है. लेकिन इन 12 भावों में चार भाव प्रमुख होते हैं, पहला भाव- विवाह, चौथा- सुख, सप्तम- स्त्री और दसवां- व्यापार, जो व्यक्ति के व्यवहार को तय करता है.

लेकिन आपको बता दें कि एक लग्न का समय लगभग 2 घंटे का होता है और दो घंटे के बाद लग्न का समय अपने आप बदल जाता है. क्योंकि ज्योतिष में अन्य सभी भावों की तुलना में लग्न को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है.

इसलिए लग्न भाव से बच्चे के स्वभाव, रुचि, विशेषताओं तथा चरित्र के गुणों का पता चलता है. और इस लग्न को जानने के बाद व्यक्ति के स्वभाव और विशेषताओं के बारे में जानकारी दी जा सकती है. इसलिए ज्योतिष शास्त्र में “लग्न राशिफल” को बहुत महत्व दिया गया है.

इसके अलावा 12 लग्न राशियों और उनके स्वामी ग्रहों का भी ज्योतिष में उल्लेख किया गया है. क्योंकि सभी लग्न राशियों के लिए अलग-अलग स्वामी ग्रह हैं. तो आइए जानते हैं 12 लग्न राशियों के लिए कौन से अलग-अलग स्वामी ग्रह हैं.

 

12 लग्न राशियाँ तथा उनके स्वामी ग्रह (12 Lagna Rashiya Tatha Unke Swami Grah)

12 लग्न राशियाँ                                                             स्वामी ग्रह
  1. मेष लग्न  (Aries Ascendant)                 –  मंगल
  2. वृषभ लग्न  (Taurus Ascendant)            –  शुक्र
  3. मिथुन लग्न  (Gemini Ascendant)          –  बुध
  4. कर्क लग्न  (Cancer Ascendant)            –  चंद्रमा
  5. सिंह लग्न  (Leo Ascendant)                  –  सूर्य
  6. कन्या लग्न  (Virgo Ascendant)             –   बुध
  7. तुला लग्न  (Libra Ascendant)                –  शुक्र
  8. वृश्चिक लग्न  (Scorpio Ascendant)         –  मंगल
  9. धनु लग्न  (Sagittarius Ascendant)         – गुरु
  10. मकर लग्न  (Capricorn Ascendant)        – शनि
  11. कुंभ लग्न  (Aquarius Ascendant)           – शनि
  12. मीन लग्न  (Pisces Ascendant)                – गुरु

 

12 लग्न राशियाँ और उनके फल – प्रभाव

मेष लग्न (Aries Ascendant)

मेष लग्न में जन्म लेने वाले लोग अधिक क्रोधी, धनवान तथा स्वाभिमानी होते हैं. साथ ही वे धनी और पराक्रमी होते हैं. और इन्हें भूमि व्यापार, खनिज, सड़क, भवन, गैस आदि जैसे अनेक कार्यों में लाभ होता है.

 

वृषभ लग्न (Taurus Ascendant)

वृषभ लग्न वाले लोग बुद्धिमान, मधुरभाषी और शांत स्वभाव के होते हैं. वे संगीत प्रेमी होते हैं लेकिन स्वाभिमानी तथा  अधिक गंभीरता से लोगों को प्रभावित करते हैं. साथ ही उन्हें व्यापार में विलासिता की वस्तुओं, खाद्यान्नों तथा सफेद वस्तुओं (जैसे दूध, दही, चीनी, चावल), जल व्यवसाय आदि के व्यवसाय में लाभ होता है.

 

मिथुन लग्न (Gemini Ascendant)

इस लग्न वाले लोग चतुर लोग होते हैं जो कूटनीति और अपनी बुद्धि का लाभ उठाते हैं. लेकिन इन्हें राजपक्षे से कार्यों में लाभ मिलता है और यह विवादों में अधिक उलझते हैं. साथ ही सबको अच्छा समझते हैं. लेकिन यह व्यापार में लोहा तथा खनिज और राजनीति में पैसा इकट्ठा करते हैं और अवसरों का लाभ उठाते हैं.

 

कर्क लग्न (Cancer Ascendant)

कर्क लग्न वाले लोग क्रोधी और अस्थिर होते हैं, जो अपने मन में अधिक सोचते हैं, लेकिन वे चंचल और बुद्धिमान होते हैं जो दूसरों का ख्याल रखते हैं. उन्हें लोहे के व्यापार में और दूध, दही, चीनी, सफेद कपड़े के साथ-साथ पानी के पास रहने के व्यवसाय में अधिक लाभ मिलता है.

 

सिंह लग्न (Leo Ascendant)

सिंह लग्न के जातक पैसों से अधिक लगाव होने के कारण कड़ी मेहनत करते हैं. और वे प्रतापी, स्वाभिमानी, अच्छे विचार रखने वाले, अपने परिवार में सभी का ख्याल रखने वाले तथा लोगों को जोड़ने वाले होते हैं. उन्हें व्यवसाय में जैसे खनिज, रेत गिट्टी, स्टेशनरी, बिजली, लोहा उत्पादन, कंप्यूटर, राजनीति और जमीन के व्यवसाय में अधिक लाभ मिलता है.

 

कन्या लग्न (Virgo Ascendant)

कन्या लग्न में जन्म लेने वाले लोग उन सभी गुणों से संपन्न होते हैं जो महिलाओं की तुलना में अधिक भाग्यशाली होते हैं. और ये चतुरराइ से मीठा बोलकर झूठ बोलने में माहिर होते हैं. और यह चिकित्सा के व्यवसाय में, विदेश से धन प्राप्त करने में, लोहे के व्यवसाय में, तकनीकी शिक्षा तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में माहिर है.

 

तुला लग्न (Libra Ascendant)

इस लग्न में जन्म लेने वाले बुद्धिमान लोग उन सभी कलाओं में कुशल होते हैं जो अपने कार्यों से जीवन को सक्षम बनाते हैं. इसलिए वे अपनी अलग ही पैचान बनाते हैं. ऐसे लोगों को लोहा, खनिज, बिजली, जमीन तथा पानी के नजदीक अधिक तरक्की मिलती है.

 

वृश्चिक लग्न (Scorpio Ascendant)

वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले लोग बहुत पराक्रमी होते हैं, शत्रु से लड़कर अपने परिवार का नाम कमाने वाले चाणक्य जैसे चतुर होते हैं. ऐसे लोग राजनीति, शिक्षा, लोहे के काम, जल व्यापार, भवन निर्माण और चाणक्य जैसी कूटनीति के प्रयोग में हमेशा लाभकारी होते हैं.

 

धनु लग्न (Sagittarius Ascendant)

धनु लग्न में जन्म लेने वाले लोग सलाहकार, बुद्धिमान और नेक होते हैं. इनकी विशेषता है कि ये कोमल वाणी के होते हैं जो अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. साथ ही, वे अपने आप में अधिक आश्वस्त होते हैं. ऐसे धनु लग्न में जन्म लेने वाले जातक शिक्षा, लोहा, सलाहकार, धार्मिक कार्यों से लाभ, खनिज उत्पादक, विदेश से धन कमाने वाले होते हैं.

 

मकर लग्न (Capricorn Ascendant)

इस लग्न में जन्म लेने वाले लोग सुख से वंचित और क्रोध से भरे होते हैं, इसलिए स्वाभिमान के कारण उन्हें वैवाहिक सुख नहीं मिलता है. क्योंकि ये लोग आलसी होते हैं और कभी भी दूसरों का भला नहीं सोचते. ऐसे मकर लग्न में जन्म लेने वाले लोगों को खनिजों से लाभ होता है. राजनीति में कोई लाभ नहीं है. लेकिन बिजली के व्यापार में हमेशा लाभ मिलता है.

 

कुंभ लग्न (Aquarius Ascendant)

कुंभ लग्न में जन्में जातकों का संबंध अन्य महिलाओं से होता है. हालांकि, ऐसे लोग बुद्धिमान, साहसी, जानकार, दयालु होते हैं. इसलिए वे हमेशा सुखी और प्रसन्न रहते है. ऐसे कुंभ लग्न में जन्में जातकों को लोहा, जल, भोजन, होटल और शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी व्यवसाय से बहुत लाभ मिलता है.

 

मीन लग्न (Pisces Ascendant)

मीन लग्न में जन्म लेने वाले लोग हमेशा अधिक सोचने वाले और चिंतित रहने वाले होते हैं. लेकिन दिलके बहुत सच्चे होते है. इसमें पति-पत्नी का पूर्ण सुख हमेशा बच्चों का सुख बना रहता है. इस लग्न के जातक दानी और विश्वासी होते हैं. ऐसे मीन लग्न में जन्म लेने वालों को शिक्षा, खनिज, ऊर्जा, बिजली आदि के व्यवसाय में अधिक लाभ मिलता है.

 

लग्न का क्या महत्व है

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जातक के जन्म के अनुसार एक विशेष समय में बढ़ती राशि लग्न होती है. इसे राइजिंग साइन भी कहते हैं. लग्न भाव होने के कारण इसे कुंडली का प्रथम भाव कहा जाता है. जो किसी के जीवन की बुनियादी बातों को दर्शाता है. इसलिए लग्न राशि और कुंडली में मौजूद ग्रह नए वातावरण में जातक की पहली प्रतिक्रिया को प्रभावित करते हैं.

क्योंकि इस राशि का लग्न या राइजिंग चिन्ह तभी होता है जब यह किसी के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज में आ रहा हो. हालांकि राशि चक्र हर दो घंटे में बदलता रहता है.

क्योंकि इस जन्म कुंडली का संबंध सभी भावों से है. इसलिए लग्न का विश्लेषण व्यक्ति की मन और आत्मा की स्थिति के बारे में अधिक गहन और सटीक दृष्टिकोण दे सकता है.

हालाँकि, लग्न आपके दृष्टिकोण और आचरण का प्रतिनिधित्व करता है. लेकिन आपके राइजिंग साइन द्वारा किए गए पहले प्रभाव आपकी प्रारंभिक प्रतिक्रियाओं और विभिन्न स्थितियों पर प्रकाश डालते हैं.

इसलिए ज्योतिष कहता है कि जन्म कुंडली में लग्न का बहुत महत्व है. क्योंकि लग्न से व्यक्ति के चरित्र, रंग, चेहरे की बनावट, व्यक्तित्व और प्रभाव का पता चलता है, जो लग्न कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव है.

 

 

दोस्तों इस लेख में मैंने लग्न राशि कैसे पता करे | जाने अपनी लगन राशि क्या है – Lagna Rashi Kaise Pta Kare | Jane Apni Lagna Rashi Kya Haiइससे संबंधित जानकारी से परिचित कराया है. मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी. यदि आपको यह जानकारी आपकी लग्न राशि (Lagna Rashi) को जानने में उपयोगी लगे, तो इस लेख को अपने दोस्तों तथा अन्य लोगों के साथ जितना हो सके अधिक से अधिक शेयर करें. धन्यवाद

 

 

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