यदि आप ग्रामीण भारत में रहते हैं और कभी शहर नहीं गए हैं, तो हो सकता है की आप Hoarding Business से अनभिज्ञ हों। लेकिन यदि आप शहर में रहते हैं या फिर कभी शहर गए हैं तो आपने सड़क के किनारे और बाज़ारों में बड़ी बड़ी होर्डिंग्स लगी हुई देखी होंगी। जिनमें कुछ कंपनियों के विज्ञापन लगे रहते हैं, राजनैतिक पार्टियाँ, सरकारें इत्यादि भी इन होर्डिंग का इस्तेमाल प्रचार, प्रसार करने के लिए करती हैं। जी हाँ हम उन्हीं होर्डिंग की बात कर रहे हैं, जिन पर कभी किसी पार्टी के नेता की तो कभी किसी अन्य पार्टी के नेता की तस्वीर, तो कभी अलग अलग कम्पनियों के विज्ञापन नजर आते हैं। बाज़ारों में तो इस तरह के होर्डिंग की भरमार रहती है, आप इनमें लगे हुए विज्ञापनों एवं तस्वीरों को देखते भी होंगे। और सोचते होंगे की ये उन्होंने लगाई हैं जिन कम्पनियों के विज्ञापन या जिन पार्टियों की तस्वीरें इनमें लगी होती हैं। लेकिन सच्चाई यह है की इन्हें Hoarding Business करने वाली किसी कंपनी ने एक निर्धारित समय के लिए लगाया हुआ होता है।(Hoarding Business Plan in Hindi)
होर्डिंग Business Plan in Hindi
इन होर्डिंग पर विज्ञापन लगाने के लिए वे कंपनियां जिनके विज्ञापन होते हैं, होर्डिंग कंपनी को इनका भुगतान करती है। यही कारण है की एक ही होर्डिंग में आज किसी और कंपनी के विज्ञापन दिखाई देते हैं, तो एक महीने बाद किसी और कंपनी के । वैसे देखा जाय तो Hoarding Business को एक एडवरटाइजिंग मीडिया बिजनेस भी कह सकते हैं। होर्डिंग भी कई प्रकार की जैसे युनिपोल होर्डिंग, होर्डिंग, डिजिटल होर्डिंग इत्यादि होती है। जहाँ तक डिजिटल होर्डिंग की बात है इसे कंप्यूटर से आसानी से कण्ट्रोल किया जा सकता है, यानिकी डिजिटल होर्डिंग में क्या दिखाना है क्या नहीं? यह कंप्यूटर से नियंत्रित किया जा सकता है। जबकि सामान्य होर्डिंग के लिए जो भी दिखाना हो उसे फ्लेक्स पर प्रिंटिंग करके दिखाया जाता है। आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से यही जानने का प्रयत्न करेंगे की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति अपना खुद का Hoarding Business शुरू कर सकता है । लेकिन उससे पहले एक बार संक्षेप में फिर से जान लेते हैं की यह व्यवसाय होता क्या है?
Hoarding Business क्या है?
होर्डिंग लोहे इत्यादि धातु से निर्मित एक बड़ी सी स्क्रीन होती है, जो सड़क के किनारों और बाज़ारों में उपलब्ध होती हैं । इन होर्डिंग का निर्माण आम तौर पर उस शहर विशेष की स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत इत्यादि द्वारा किया गया होता है । और ये प्राधिकरण उन होर्डिंग को किराये पर देती हैं, कई प्राधिकरण तो एक विशेष एरिया में जितनी भी होर्डिंग आती है, टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें किराये पर देती हैं।
यह होर्डिंग बाज़ारों और सड़क के किनारे इसलिए बनाई जाती है ताकि कम्पनियाँ, पार्टियाँ इत्यादि इनमें अपने विज्ञापन लगा सकें। अब होता क्या है की स्थानीय प्राधिकरण इन्हें जिन कंपनियों या व्यक्तियों को किराये पर देता है, उन्हें ही Hoarding Business करने वाला कहते हैं। होर्डिंग व्यवसाय करने वाले इन्हें और अधिक दामों पर उन कंपनियों या व्यक्तियों को किराये पर देते हैं, जो इनमें अपने विज्ञापन लगवाना चाहते हों।
इन सबके अलावा कुछ होर्डिंग कम्पनियाँ जमीन या बिल्डिंग के मालिकों से जगह किराये पर लेकर भी वहाँ पर खुद की होर्डिंग का निर्माण करती हैं। इसके लिए उन्हें स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से परमिशन की आवश्यकता हो सकती है।
Hoarding Business के बारे में हमने बहुत ही आसान भाषा में समझा दिया है, आशा करते हैं की अब आप कम से कम यह तो अच्छी तरह से समझ गए होंगे की यह व्यवसाय होता क्या है। इस सिलसिले को जारी रखते हुए आइये आगे यह जानने का प्रयत्न करते हैं की, कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का Hoarding Business कैसे शुरू कर सकता है।
होर्डिंग बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Hoarding Business in India):
यदि आप Hoarding Business के बारे में इन्टरनेट पर सर्च कर रहे हैं तो आपके सामने अनेकों ऐसे परिणाम आ रहे होंगे, जो दावा कर रहे होंगे की इस व्यवसाय को 5000 में शुरू किया जा सकता है। 50000 रूपये में शुरू किया जा सकता है, जो की सच नहीं है। सच्चाई यह है की इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को कम से कम 2-3 लाख या इससे भी अधिक पैसों की आवश्यकता होती है।
वह इसलिए क्योंकि सरकारी टेंडर लेने में भी उद्यमी को काफी खर्चा करना पड़ता है, और यदि उद्यमी खुद की जगह या किसी व्यक्ति से किराये पर जगह लेकर युनिपोल या होर्डिंग का निर्माण करता है, तब भी उसे लाखों रूपये खर्च करने की आवश्यकता पड़ सकती है। खैर जो भी हो लेकिन सच्चाई यह है की यदि उद्यमी ने अपने Hoarding Business की साख बना ली, तो वह व्यवसाय की बदौलत बहुत आगे तक बढ़ सकता है।
व्यवसाय से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करें
उद्यमी ने यदि Hoarding Business शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर लिया हो, तो अब सबसे पहले उसे इस व्यवसाय से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी जुटाने का प्रयास करना चाहिए। हो सके तो उस एरिया में पहले से स्थित किसी होर्डिंग मीडिया कंपनी में कुछ महीने जॉब भी की जा सकती है। ताकि उद्यमी इस बात को सुनिश्चित कर सके की उसके द्वारा लिया गया निर्णय उचित ही है।
Hoarding Business से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए उद्यमी को अनेकों प्रश्नों के जवाब ढूँढने की कोशिश करनी चाहिए, इनमें से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं।
- उस एरिया में जो पहले से युनिपोल या होर्डिंग्स हैं, उनका असली मालिक कौन है? स्थानीय प्राधिकरण है या कोई होर्डिंग कंपनी। क्योंकि यदि स्थानीय प्राधिकरण हुआ तो वह टेंडर इत्यादि के लिए आवेदन कर सकता है। यदि कंपनी हुई तो उसे उस लोकेशन का विचार त्यागना होगा।
- होर्डिंग पर विज्ञापन डिस्प्ले करने की प्रति वर्ग फीट कीमत क्या है? और कंपनी वहाँ पर क्या रेट देने को तैयार हैं।
- उस एरिया में स्थित खाली जगह और छतों की उपलब्धता।
- यदि आप स्वयं की होर्डिंग निर्माण करेंगे तो उस क्षेत्र में होर्डिंग निर्माण की प्रति वर्ग फीट लागत क्या होगी।
- एरिया विशेष में स्थित स्थानीय प्राधिकरण से परमिशन, लाइसेंस, टैक्स इत्यादि की जानकारी लेना, अन्यथा वे आपके Hoarding Business पर भारी भरकम जुर्माना भी लगा सकते हैं।
उपर्युक्त सभी जानकारी प्राप्त कर लेने के बाद उद्यमी को होर्डिंग व्यापार को शुरू करने में आने वाली लागत और रिटर्न ओं इन्वेस्टमेंट का भी पहले ही अनुमान लगा लेना चाहिए।
जरुरी संपर्क या कौशल प्राप्त करें
मान लीजिये की आप बनी बनाई होर्डिंग किराये पर लेकर Hoarding Business शुरू करते हैं, तब भी आपको ग्राफ़िक डिजाइनिंग जिसमें फोटोशॉप, कोरेल ड्रा इत्यादि सॉफ्टवेयर का ज्ञान होने की आवश्यकता होती है ।क्योंकि आपको अपने ग्राहकों की पसंद के अनुसार होर्डिंग पर लगने वाले विज्ञापन के लिए आर्टवर्क तैयार करना होता है। इसके अलावा फ्लेक्स और फ्लेक्स प्रिंटिंग मशीन की आवश्यकता भी हो सकती है, ताकि आर्टवर्क को प्रिंट किया जा सके।
यदि आप खुद Graphic Designer हैं तो आपको ग्राफ़िक डिज़ाइनर नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन किसी फ्लेक्स प्रिंटिंग करने वाले व्यक्ति से टाई अप करने की आवश्यकता अवश्य होगी। क्योंकि ग्राहक के पसंद के अनुसार आर्टवर्क तैयार करके आप उसे फ्लेक्स प्रिंटिंग बिजनेस करने वाले व्यक्ति को भेज सकते हैं, ताकि वह उसका प्रिंट निकाल ले। या Hoarding Business शुरू करने के लिए आपका बजट अधिक है तो आप खुद की इन हाउस फ्लेक्स प्रिंटिंग सिस्टम भी विकसित कर सकते हैं।
इन सबके अलावा उस एरिया में मौजूद होर्डिंग निर्माण करने वाले लोगों की भी आपको कभी भी आवश्यकता हो सकती है इसलिए होर्डिंग निर्माण करने वाले लोगों का संपर्क सूत्र होने भी आवश्यक हैं।
स्थानीय प्राधिकरण से लाइसेंस प्राप्त करें
कई स्थानों पर होर्डिंग इत्यादि गिरने से जन, माल की हानि हो जाती है। यही कारण है की होर्डिंग कहाँ पर लगेगी, उसकी अधिकतम ऊँचाई, चौड़ाई क्या होगी, छत पर होर्डिंग लगाने के लिए मजबूती कैसे चेक की जाएगी? इत्यादि बातों के लिए सख्त नियम कानून निर्धारित हैं। यही कारण है की Hoarding Business करने वाले उद्यमियों को स्थानीय प्राधिकरण से परमिशन और लाइसेंस लेना अनिवार्य हो जाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आपका बिजनेस प्रोप्राइटरशिप के तहत रजिस्टर हो या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तहत।
इसलिए जिस भी एरिया में आप खुद का Hoarding Business शुरू करना चाहते हैं उस क्षेत्र के स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम इत्यादि के ऑफिस में जाकर लाइसेंस, परमिशन और टैक्स इत्यादि की जानकारी अवश्य लें।
होर्डिंग के लिए लोकेशन का चयन करें
यदि उद्यमी को विज्ञापन और मार्केटिंग क्षेत्र का पहले से अनुभव है, तो उसे अच्छी तरह से ज्ञात होगा की उसके होर्डिंग के लिए सबसे अच्छी लोकेशन कौन कौन सी रहेंगी। आम तौर पर भीड़ भाड़ वाली जगह जैसे स्थानीय बाज़ारों और हाईवे में कम से कम डबल फेसिंग वाली लोकेशन होर्डिंग के लिए उपयुक्त रहती है। यह भी देखा गया है की बड़ी होर्डिंग पर तीन तरफ से विज्ञापन लगाने वाला बनाया जाता है और कहीं कहीं पर तो यह संख्या चार भी हो जाती है।
इसलिए अपने Hoarding Business के लिए लोकेशन का चुनाव करते समय वहाँ से दिन भर में गुजरने वाले लोगों की संख्या का भी आकलन करना न भूलें। क्योंकि कम्पनियाँ ऐसी लोकेशन के लिए अधिक भुगतान करती हैं जहाँ से दिन भर में हजारों लोग गुजरते हों।
चयनित जगह पर होर्डिंग का निर्माण कराएँ
अब यदि Hoarding Business करने वाले उद्यमी ने जगह का चयन कर दिया हो, तो अब अगला कदम यह पता लगाने का होना चाहिए की वह जगह किसकी है। यदि वह कोई सरकारी जगह है तो उद्यमी नगर निगम से संपर्क कर सकता है, यदि किसी व्यक्तिगत व्यक्ति की हो तो उस व्यक्ति से संपर्क कर सकता है। और उस जगह को एग्रीमेंट बनाकर कम से कम तीन वर्षों या इससे भी अधिक समय के लिए किराये पर ले सकता है।
जितने लम्बे समय का एग्रीमेंट बनाएँगे उसमें उद्यमी का ही फायदा है क्योंकि Hoarding Business कर रहे उद्यमी को उस जगह पर होर्डिंग का निर्माण भी कराना होता है, जिसकी लागत लाखों में हो सकती है। होर्डिंग का निर्माण करने के लिए उद्यमी को अपनी एक स्थायी टीम बनानी चाहिए या फिर एक ऐसी टीम से टाई अप करना चाहिए जिन्हें होर्डिंग निर्माण कार्य में दक्षता हासिल हो।
Hoarding Business की वेबसाइट बनायें
बहुत सारे लोग सोचते होंगे की भला Hoarding Business के लिए वेबसाइट बनाने की क्या आवश्यकता है? लेकिन उन्हें बता देना चाहेंगे की वर्तमान में हर छोटा बड़ा बिजनेस अपनी ऑनलाइन प्रजेंस बनाने के लिए उत्सुक है। और आपके व्यवसाय की ऑनलाइन प्रजेंस आपके ग्राहकों में आपके व्यवसाय के प्रति विश्वास को बढ़ाती है । इसके अलावा आप अपनी सर्विस या प्रोडक्ट को अपनी वेबसाइट के माध्यम से आसानी से दुनिया के किसी भी कोने में बैठे ग्राहक को दिखा भी सकते हैं ।
बहुत जरुरी है की आप अपने Hoarding Business के नाम से ही एक डोमेन खरीदें और उसी डोमेन नाम पर अपने व्यवसाय की वेबसाइट को डेवलप करें। वेबसाइट डेवलपमेंट का काम आप किसी वेब डेवलपर को भी दे सकते हैं। यहाँ पर आपके पास उपलब्ध होर्डिंग लोकेशन, उसकी कीमत, फायदे इत्यादि के बारे में बताना बिलकुल भी न भूलें।
मौजूदा ग्राहकों को लॉग इन होने का विकल्प और नए ग्राहकों को साइन अप होने का विकल्प भी अवश्य दें। वेबसाइट के जरिये अपने ग्राहकों को ऐसी फैसिलिटी प्रदान करें की वे अपनी पसंद का होर्डिंग स्लॉट घर से ही बुक कर सकें। यकीन मानिये यदि आपके पास अच्छी लोकेशन पर होर्डिंग मौजूद हैं, तो उनके खाली रहने की संभावना बेहद कम है, और वे आपको अधिक से अधिक लाभ कमाकर देने वाले हैं।
अच्छी लोकेशन पर उपलब्ध होर्डिंग में अपने विज्ञापन लगाने के लिए कम्पनियाँ 1-3 लाख रूपये तक हर महीने किराया देने को भी तैयार रहती हैं। हालांकि किराया इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी ने अपना Hoarding Business कौन से शहर या एरिया में शुरू किया है।
होर्डिंग किराये पर देने के लिए मार्केटिंग करें
आपने अपनी चयनित लोकेशन पर होर्डिंग निर्माण तो करा लिया और आप उस जगह का किराया भी दे रहे हैं। लेकिन यदि आपकी होर्डिंग पर कोई विज्ञापन नहीं लगा हुआ है तो उससे आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है। इसलिए Hoarding Business करने वाले उद्यमी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है, की उसकी कोई भी होर्डिंग बिना विज्ञापन के न रहे।
यह सुनिश्चित करने के लिए उद्यमी को अपने व्यवसाय की मार्केटिंग करनी होगी, मार्केटिंग के लिए उद्यमी चाहे तो खाली पड़ी होर्डिंग पर उसे किराये पर लेने के लिए अपने संपर्क नंबर दे सकता है। ताकि जैसे ही कोई इच्छुक व्यक्ति उस साईट पर विज्ञापन लगाने की सोचे तो वह तुरंत आपको संपर्क करे।
इसके अलावा Hoarding Business शुरू करने वाले उद्यमी को अपनी एक मार्केटिंग टीम भी बनानी होगी, जिसका काम बड़ी बड़ी कंपनियों की मार्केटिंग टीम से संपर्क करके उनकी विज्ञापन सम्बन्धी आवश्यकता को समझना और उनसे संपर्क करके आर्डर प्राप्त करना होगा। उद्यमी चाहे तो डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से भी अपने व्यवसाय को प्रमोट कर सकता है ।
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