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DM का फुल फॉर्म क्या होता है

देश में जनता को सुविधा प्रदान करने के लिए विभिन्न अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है, जिसके माध्यम से ही देश, जिले में किये जाने वाले सभी कार्यों को भलीभांति पूरे किये जाते है, क्योंकि हर राज्य में जिले होते हैं और उन जिलों में कार्यों को करने के लिए सरकार द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है | इसी तरह डीएम भी एक अधिकारी होता है, जो जिलों की सुरक्षा के साथ-साथ जिलों की सेवा भी करते है | यह एक बड़ा पद होता है, जिसमें अधिकारी को अच्छी सैलरी भी प्राप्त होती है | इसलिए यदि आप भी डीएम के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको डीएम का फुल फॉर्म क्या होता है |  DM का क्या मतलब है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |

 

 

 

 

 

डीएम का फुल फॉर्म

डीएम  का फुल फॉर्म “District Magistrate “  होता है और इसे हिंदी भाषा में  “जिला मजिस्ट्रेट “ कहा जाता है। वहीं इसे एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी भी कहा जा सकता है,  क्योंकि यह भारत में एक जिले के सामान प्रशासन के सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट और प्रमुख  होता हैं।

DM का क्या मतलब होता है

एक जिला अधिकारी जिला का सबसे बड़ा अधिकारी होता है | डीएम का पद जिले का सबसे बड़ा पद होता है |  जिला मजिस्ट्रेट वह अधिकारी होता है, जो जिले में भू-राजस्व के संग्रह के लिए जिम्मेदार  होता है तथा  ये  जिला न्यायाधीश भी कहे जाते है। वहीं, प्रत्येक जिले में एक न्यायालय होता है। न्यायालय में जो न्यायाधीश होते है उन्हें ही जिला न्यायाधीश  कहा जाता है। वह DM  ही होता है, जो पूरे जिले  में सेवा प्रदान करने का काम करता है और सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने की अपनी जिम्मेदारी निभाता है | इसलिए इसे जिला का मुखिया भी  कहते है।

डीएम बनने के लिए योग्यता

District Magistrate बनने के लिए  अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन  में सफलता प्राप्त करना अनिवार्य होता है | अन्यथा अभ्यर्थी इस पद के लिए आवेदन नहीं कर सकते है |

डीएम बनने के लिए आयुसीमा

जिला न्यायाधीश बनने के लिए अभ्यर्थी की न्यूतम आयु   21 वर्ष  और अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए |  वहीं, OBC वर्ग के  अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्षऔर अधिकतम आयु  33 वर्ष  होनी आवश्यक है | इसके अलावा  SC/ST वर्ग  के अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु  35 वर्ष  होनी अनिवार्य है | dm exam

डीएम का परीक्षा पैटर्न (DM EXAM PATTERN)

जिला न्यायाधीश बनने के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं को तीन चरणों में विभाजित किया जाता है | जो इस प्रकार से है- dm exam

प्रारंभिकपरीक्षा

इस पद के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को सबसे पहले प्रारम्भिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होती हैं, जिसमें अभ्यर्थियों को कुछ प्रश्नो को हल करने होते हैं, जिसके लिए अभ्यर्थियों को एक निश्चित समय भी प्रदान किया जाता है |   

मुख्यपरीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा में  सफलता प्राप्त करने के बाद अभ्यर्थी को दूसरे चरण के अंतर्गत मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होती है।  इसमें भी अभ्यर्थियों से कुछ प्रश्न पूछे जाते है, जिन्हे अभ्यर्थियों को निश्चित समय के अंतराल में हल करने होते है | 

 

 

 

 

 

साक्षात्कार(INTERVIEW)

इन दोनों परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर लेने के बाद अभ्यर्थी को साक्षात्कार के बुलाया है , जिसमें अभ्यर्थी से कुछ सवाल किये जाते है। जिसके आधार पर ही उन्हें इस पद के लिए नियुक्त किया जाता है |

डीएमकेक्याकार्यहै

  1. डी एम  मुख्य रूप से कानून व्यवस्था को बनाये  रखने का काम करता है। 
  2. वार्षिक अपराध की सरकार को Report प्रदान करता है |dm full form in hindi 
  3. पुलिस और जेलों का निरीक्षण करने का काम करता है | dm full form in hindi 
  4. सभी कार्यों की मंडल आयुक्त को जानकारी प्रदान करता है | 
  5. जब मंडल आयुक्त उपस्थित नहीं होते है, तो जिला विकास प्राधिकरण के पद पर अध्यक्ष के रूप में कार्य  करने की जिम्मेदारी निभाते है |
  6. डीएम  कार्य करने वाले मजिस्ट्रेटों का निरीक्षण भी करते है |

 

 

 

 

यहाँ पर हमने आपको डीएम के फुल फॉर्म के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है |  इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | dm full form यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, dm full form अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, dm full form हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है | dm full form in hindi 

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