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पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूने को है। ऐसे में पूरी दुनिया में इनके विकल्प की तलाश की जा रही है। बायोडीजल भी एक विकल्प है। जिसकी सहायता से हम अपने वाहनों को चला सकने में सक्षम हो पाएंगे। आज केh हमारे इस लेख में हम इसी बारे में जानकारी लेंगे की What is biodiesel? बायोडीजल क्या है? (What is biodiesel? बायोडीजल क्या है?)? बायोडीजल क्या है?बायोडीजल (Biodiesel) सीधे वनस्पति तेल, पशुओं के वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जा सकता है। इन तेलों को बायोडीजल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रिया को ट्रांस इस्टरीकरण कहा जाता है। इसीलिए लोग बायोडीजल को पारंपारिक जीवाश्म इंधन के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन मानते हैं। भारत का पहला बायोडीजल संयंत्र आस्ट्रेलिया के सहायता से काकीनाडा (SEZ) मे स्थापित किया गया है। बायोडीजल को 100% नवीकरणीय स्रोतों से बनाया जाता है। बायोडीजल पारंपारिक या जीवश्म डीजल के समान एक वैकल्पिक ईंधन माना जाता है। बायोडीजल का उत्पादन सीधे वनस्पति तेल, पशु तेल, वसा, लोगों और अपशिष्ट खाना पकाने के तेल से किया जा सकता है। इन तेलों को बायोडीजल में बदलने की पूरी प्रक्रिया को Transesterification कहा जाता है। बायोडीजल बनाने के लिए मुख्यता रेप सीड, ताड़ या सोयाबीन जैसे तेल फसलो का इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका जैसे देशों में रेपसीड का इस्तेमाल बायोडीजल बनाने के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। वर्तमान समय में उत्पादित अधिकांश बायोडीजल का उत्पादन रेस्टोरेंट, खाद्य पदार्थ की दुकान, औद्योगिक खाद उत्पाद जैसे कारखानों से प्राप्त अपशिष्ट वनस्पति तेल से किया जाता है।

 

 

 

 

biodiesel in Hindi

 

 

 

बायोडीजल से पर्यावरण प्रदूषण कम

बायोडीजल से वायु प्रदूषण काफी कम होता है। इसलिए ज्यादातर लोग इसे कार्बन न्यूट्रल इंधन के रूप में परिभाषित करना पसंद करते हैं। इसका मतलब यह है कि इंधन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का उत्पादन इंधन के रूप में करने पर नहीं करता है। यह प्रभाव इसलिए होता है क्योंकि जब तेल की फसल बढ़ती है तो यह उतनी ही मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और शोषित करती है जितनी इंधन दहन के समय निकलती है।

लेकिन हम इसे पूरी तरह से सही नहीं मान सकते क्योंकि जिन खेतों में तेल की फसल उगाई जाती है। उन्हें खाद देने के लिए आवश्यक उर्वरक के उत्पादन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है। उर्वरक उत्पादन बायोडीजल के उत्पादन से जुड़े प्रदूषण का एकमात्र स्रोत नहीं है।

अन्य स्रोतों में से एस्टेरिफिकेशन प्रक्रिया प्रक्रिया, तेल के प्रसाधन के दौरान बिजली के रूप में या इंधन से ऊर्जा इनपुट की आवश्यकता होती है। उस दौरान भी कार्बन डाइऑक्साइड गैस की कुछ मात्रा अवश्य रूप में निकलती है। इसे देखते हुए हम यह कह सकते हैं कि बायोडीजल से वायु प्रदूषण इंधन के रूप में इस्तेमाल करने पर ना के बराबर तो होता है। लेकिन, बायोडीजल के प्रसाधन के दौरान कुछ मात्रा में ग्रीन हाउस गैसें भी निकलती है जो हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। लेकिन, इसका प्रतिशत काफी कम है।

 

 

 

 

 

बायोडीजल कैसे बनाया जाता है?

ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के कारण ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने वाले जीवाश्म ईंधन के उपयोग से बचने के लिए, अन्य प्रकार के वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे नवनीत अरनिया ऊर्जा जैसे कि हम उन्हें जानते हैं पर अधिक से अधिक शोध और विकास किया जा रहा है। जैव इंधन से ऊर्जा जैसे बायोडीजल, जैविक पदार्थ से प्राप्त एक अक्षय ऊर्जा स्रोत है जो जीवाश्म ईंधन की जगह ले सकता है।

बायोडीजल या फैटी एसिड मिथाइल एस्टर (FAME) को विभिन्न प्रकार के तेल और वसा से एस्टेरिफिकेशन प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए रेप सीड, सूरजमुखी, सोयाबीन का तेल और अखरोट जैसे कुछ जैविक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है।

जैविक पदार्थों से तेल निकालने की प्रक्रिया से बायोडीजल बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है। यह प्रक्रिया औलीगिनस पौधे से तेल निकालने के साथ शुरू होता है। रिफायनिंग के बाद, मेथेनॉल और उत्प्रेरक जोड़कर के तेल को FAME या बायो डीजल में स्थानांतरित किया जाता है।

जीवश्म डीजल के समान ही बायोडीजल में भी वही गुण होता है। इसलिए बायोडीजल का इस्तेमाल हम उच्च प्रदर्शन करने वाले डीजल इंजन में भी कर सकते हैं। इसके अलावा, तरल ईंधन के रूप में इसके फायदों के अलावा इसका उपयोग गर्मी और ऊर्जा के उत्पादन के लिए भी किया जा सकता है। तथ्य यह है कि इस इंधन में पोली साइक्लिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन नहीं होते हैं। इस वजह से हम वायु प्रदूषण को भी रोक सकते हैं। इस वजह से इसे नवीकरणीय और बायोड्रगेबल स्रोत के रूप में जाना जाता है।

 

 

 

 

 

 

बायोडीजल के इस्तेमाल के फायदे एवं नुकसान

एक तरफ तो यह स्पष्ट है कि जितने भी वाहन जो बायोडीजल का इस्तेमाल करती है उनसे कार्बन का उत्सर्जन बहुत ही कम होता है। वही इस तरह की फसलों को अधिक से अधिक उगाने के लिए वर्षा वनों को नष्ट किया जाता है जैसे कि इंडोनेशिया और ब्राजील में हो रहा है।

इन सब के बावजूद फिर भी यह सवाल खड़ा होता है तो बायोडीजल का इस्तेमाल क्यों फायदेमंद है। यूरोप जैसे देश में व्यापार पर नियंत्रण रखने के लिए यूरोपीय संघ ने उत्पादकों के लिए एक विशेष तरह का सर्टिफिकेट तैयार किया है। इसे उत्पादकों और व्यापारियों को जनवरी 2011 से पेश करना होगा। इस सर्टिफिकेट के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जब उत्पादक यूरोपीय संघ के देशों में कंपनी के साथ बिजनेस करना चाहते हैं तो उनके बायो इंधन यानी फ्यूल्स पर्यावरण को कोई भी किसी तरह का नुकसान ना पहुंचाती हो।

जीवश्म डीजल इंजन के पारंपारिक प्रदर्शन की तुलना में, बायोडीजल का उपयोग करना एक नुकसान कम बिजली की खपत ज्यादा है। सामान्य तौर पर 1 लीटर डीजल में हमें 9.300 किलो कैलोरी जूल्स ऊर्जा प्राप्त होती है। वही जबकि इतनी ही मात्रा में बायोडीजल में केवल 8.600 किलोकैलोरी जूल्स ऊर्जा मिलती है।

इस प्रकार के डीजल के समान ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अधिक बायोडीजल की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर विचार करने के लिए एक महत्वपूर्ण विशेषता ऑक्टेन संख्या है, जो जीवश्म डीजल में अधिक मात्रा में होती है। वही बायोडीजल में इसकी मात्रा कम होती है। किसी भी इंजन को ठीक-ठाक काम करने के लिए ऑक्टेन संख्या कम से कम 40 से अधिक होनी चाहिए।

ऑक्टेन संख्या जितना अधिक रहेगा किसी भी इंजन को शुरू करने के लिए उतनी ही आसानी होती है। बिना किसी मिसफायर के कम तापमान पर गर्म करने की अनुमति देता है। बायोडीजल में डीजल के समान एक ऑक्टेन नंबर होता है, इसीलिए इसे बिना किसी बड़ी असुविधा के आसानी से डीजल इंजन में वाहनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इंधन के बारे में बात करते समय विचार करने के लिए एक और मुद्दा पर्यावरण पर उनका प्रभाव और संभावित संबंधित प्रभाव जो समाज को प्रेषित किया जा सकता है। इस मामले में यह कहा जा सकता है कि डीजल बायोडीजल मिश्रण के विकल्प या घटक के रूप में बायोडीजल का उपयोग या वातावरण में उत्सर्जित होने वाली प्रदूषण कारी गैस हो जैसे कि नाइट्रोजन ऑक्साइड या कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में मदद करता है।

 

 

 

 

 

 

बायोडीजल प्रदूषण को रोकता है

  • बायोडीजल, जीवाश्म डीजल की तुलना में हमारे वातावरण में कम हानिकारक गैस का उत्सर्जन करती है।
  • जीवाश्म इंधन का गाड़ियों में उपयोग होने से लगभग अधिक मात्रा में शुद्ध कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जित करता है। वही बायोडीजल का इंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाने से शुद्ध कार्बन मोनोऑक्साइड के उत्सर्जन में 78% तक कमी आती है।
  • जब बायोडीजल को पारंपारिक जीवाश्म इंधन के साथ मिश्रित तैयार किया जाता है तो यह इसमें लुब्रिकेंट पर भी सुधार ले कर आता है।
  • यह पर्यावरण के लिए कासिम लाभकारी है।
  • बायोडीजल में किसी भी तरह का कोई सल्फर डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन नहीं करती जिससे कि अम्लीय वर्षा का खतरा कम होता है।

 

 

 

 

 

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