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हो सकता है की यह बिजनेस (Mango Pulp Business) आपके लिए एकदम नया हो। मैंगो पल्प आम की इंडोकोर्प की रेशेदार सामग्री होती है, आम तौर पर इसमें आम का जूस समाया हुआ होता है। कहने का आशय यह है की यदि हमें आम का रस निकालना होगा तो हम मैंगों पल्प से आम का रस निकाल सकते हैं । वैसे जूस निकालने के बाद आम का हिस्सा जो बच जाता है उसे ही मैंगों पल्प कहते हैं । इसका रंग आम के छिलके की तरह यानिकी पीला होता है। Mango Pulp Business plan in hindi हालांकि इसका रंग आम की किस्म यानिकी इसे बनाने में जिस किस्म के आम का इस्तेमाल किया गया हो उसके आधार पर कुछ और भी हो सकता है।

 

Mango Pulp Business Plan in Hindi

 

मैंगो पल्प Business Plan in Hindi

इस तरह का यह मैंगों पल्प पके हुए आमों की चुनिन्दा किस्मों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। आमों प्रोसेसिंग यूनिट में ले जकर पहले अच्छी तरह से धो लिया जाता है। उसके बाद ब्लेंच किया जाता है और इनका गूदा निकाल दिया जाता है । डीसीड, सेंट्रीफ्यूज और होमोजिनाइज्ड किया जाता है और यदि यह पल्प पतला हो गया हो तो इसे गाढा कर दिया जाता है। यह मैंगो पल्प सडन से दूर रहे इसके लिए इसे जीवाणुरहित करने की प्रक्रिया को भी अंजाम दिया जाता है। और फिर इसे डिब्बों या थैलियों में पैक करके मार्किट में बेचने के लिए उतार दिए जाता है। इस मैंगों पल्प में प्राकृतिक स्वाद और सुगंध बरकरार रखने के लिए इसे पश्च्युरिकृत करके प्लेट फ्रीजर में डीप फ्रोजन किया जाता है।

 

मैंगो पल्प के क्या क्या इस्तेमाल हैं?

वर्तमान में मैंगों पल्प का कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके कुछ प्रमुख इस्तेमालों की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • मैंगों पल्प का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कोल्ड ड्रिंक, जूस, एवं अन्य पेय बनाने की किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल जैम और मुरब्बा बनाने में बेस मटेरियल के तौर पर किया जाता है ।
  • इसका इस्तेमाल आम रस बनाने के लिए किया जाता है जिसका उपयोग पूरी के साथ बड़े पैमाने पर किया जाता है।
  • मैंगो पल्प का इस्तेमाल करके मिल्क शेक जल्दी से तैयार किया जा सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल मिल्क शेक बनाने के लिए भी किया जाता है।  

वर्तमान में बाज़ारों में इसकी कई तरह की किस्में जैसे अलफांसो मैंगो पल्प, तोतापरी मैंगो पल्प, केसर मैंगो पल्प इत्यादि उपलब्ध हैं ।

 

 

 

मैंगों पल्प के क्या क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं?

  • आम को फलों का राजा ऐसे ही नहीं कहा जाता है इसमें आयरन की प्रचुर मात्रा होती है यही कारण है चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं और एनीमिया से पीड़ित लोगों को मैंगों पल्प खाने की सलाह दी जाती है।
  • यह एसिडिटी से लड़ने में सहायक होता है, और पाचन प्रक्रिया में सुधार करता है।
  • विटामिन ए और विटामिन ई शरीर में हार्मोनल सिस्टम को सही से कार्य करने में मदद करते हैं, और आम इन विटामिन का समृद्ध स्रोत माना जाता है ।
  • इसमें एक ऐसा पदार्थ सेलेनियम होता है जो हृदय रोग के खतरे को कम करता है।

मैंगो पल्प के लिए बाज़ार में क्या संभावनाएँ हैं?

एक रिपोर्ट के मुताबिक जिसमें वैश्विक परिदृश्य में मैंगों पल्प की माँग का आकलन किया गया उसमें पाया गया की वर्ष 2017 में इसका व्यापार 995 मिलियन डॉलर था जिसकी प्रतिवर्ष 8.7% CAGR की दर से वृद्धि की उम्मीद लगाई गई, और आकलन किया गया की वर्ष 2026 तक यह बढ़कर लगभग 2110 मिलियन डॉलर तक पहुँच जाएगा। लेकिन कोरोना नामक महामारी ने इस आकलन को थोड़ा बहुत प्रभावित अवश्य किया होगा इसलिए अब इस आंकड़े को वर्ष 2026 तक छू पाना इस बिजनेस के लिए आसान नहीं होगा।

जैसा की हम सब जानते हैं की वर्तमान में आम से कई तरह की ड्रिंक, पेय, जूस , जैम, नेक्टर इत्यादि बनाये जा रहे हैं, और पूरी दुनिया में आम और आम से बनने वाले उत्पादों की खपत बढती जा रही है। ऐसे में मैंगो पल्प के लिए भी एक बहुत बड़ा बाज़ार अपनी बाहें फैलाये हुए खड़ा है ।  

 

 

 

मैंगों पल्प बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?

इसकी डिमांड को देखते हुए यदि आप भी मैंगों पल्प बनाने का बिजनेस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। तो इस बिजनेस को शुरू करने के लिए भी आपको वह सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करनी होती है जो किसी अन्य फलों के प्रसंस्करण बिजनेस को शुरू करने के लिए करनी होती हैं। तो आइये आगे इस लेख में यही जानने की कोशिश करते हैं की ऐसे कौन कौन से जरुरी कदम है, जो किसी इच्छुक व्यक्ति को अपना मैंगों पल्प बिजनेस शुरू करने के लिए उठाने पड़ सकते हैं।

प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें

वैसे आप चाहें तो इस बिजनेस को शुरू करने से पहले सिर्फ प्रोजेक्ट रिपोर्ट नहीं बल्कि अपने बिजनेस की पूरी योजना यानिकी बिजनेस प्लान तैयार कर लें। लेकिन यदि आप इतना बड़ा डॉक्यूमेंट तैयार नहीं करना चाहते तो कम से कम प्रोजेक्ट रिपोर्ट जिसमें आपके बिजनेस का वित्तीय लेखा जोखा शामिल होता है । वह तो अवश्य बनवा लें।

क्योंकि इस परियोजना रिपोर्ट में आपके बिजनेस के लक्ष्य, उद्देश्य, उसमें इस्तेमाल में लाई जाने वाली मशीनरी, कच्चा माल, जमीन बिल्डिंग, कर्मचारियों का विवरण के साथ साथ उन पर आने वाले खर्चों का भी विवरण होता है।  

और यही नहीं एक परियोजना रिपोर्ट में एक निश्चित समयावधि में उस बिजनेस से होने वाली अनुमानित कमाई भी शामिल होती है। यही कारण है की जब बैंक किसी बिजनेस के लिए लोन देते हैं तो वे उद्यमी से जो वह बिजनेस करना चाह रहा है उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी माँगते है ।

ताकि बैंक बिजनेस में आने वाली लागत और उससे होने वाली अनुमानित कमाई का अनुमान लगा सके।

 

 

 

वित्त का प्रबंध करें

मैंगों पल्प बिजनेस की परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के बाद आपको उस बिजनेस को शुरू करने में आने वाली लागत का पता चल जाता है। और जब आपको पता लग जाता है की आपके बिजनेस को शुरू करने में आपको कितने पैसे खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है, तो उसके बाद आपको पैसों का प्रबंध करने की आवश्यकता होती है।

पैसों का प्रबंध आप चाहें तो अपनी व्यक्तिगत बचत से, अपने पारिवारिक और दोस्तों से उधार लेकर भी कर सकते हैं। ऐसे अनौपचारिक स्रोतों से पैसों का प्रबंध करने का फायदा यह रहता है की हो सकता है की आपके रिश्तेदार सगे समबन्धि आपको बिना ब्याज के भी ऋण प्रदान कर दें ।

लेकिन यदि आपको बहुत अधिक पैसों की जरुरत महसूस हो रही है तो फिर आप ऋण के औपचारिक स्रोतों जैसे बैंक से ऋण लेकर, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर भी पैसे का प्रबंध कर सकते हैं। लेकिन ऋण के लिए आवेदन करने से पहले किसी सब्सिडी ऋण के बारे में भी अवश्य चेक कर लें।     

 

 

 

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

हालांकि मैंगों पल्प का प्लांट लगाने के लिए आपको कितनी बड़ी जमीन की आवश्यकता होगी वह इस बात पर निर्भर करता है की आप कितना बड़ा प्लांट लगाना चाह रहे हैं। एक ऐसा प्लांट जिसकी प्रति घंटा उत्पादन क्षमता 300 किलो मैंगो पल्प है को स्थापित करने के लिए आपको कम से कम 2500वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।

वह इसलिए क्योंकि इसमें उद्यमी को सिक्यूरिटी रूम, विद्युत् रूम, स्टोर रूम, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, पैकिंग यूनिट इत्यादि के लिए जगह की आवश्यकता होती है । और तो और उद्यमी को इस परिसर में एक ऑफिस भी बनाने की जरुरत हो सकती है।

यह जरुरी नहीं है की आप जमीन या बिल्डिंग किसी भीड़ भाड़ वाली जगह या फिर स्थानीय मार्किट में लें। बल्कि आप चाहें तो कहीं भी जहाँ पर सड़क, पानी, बिजली इत्यादि आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध हों, आप वहीँ पर मैंगो पल्प बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए जमीन या बिल्डिंग का प्रबंध कर सकते हैं।    

जरुरी लाइसेंस प्राप्त करें

इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए आपको कई तरह के लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है । इनमें से कुछ जरुरी लाइसेंस जो इस बिजनेस को शुरू करने के लिए चाहिए उनकी लिस्ट निम्नवत है।

  • सबसे पहले आपको अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक साथ रजिस्टर कराने की आवश्यकता हो सकती है।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होती है।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।
  • चूँकि यह फ़ूड से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए इसके लिए आपको एफएसएसएआई लाइसेंस की भी आवश्यकता होगी।
  • यदि आप अपने बिजनेस को एमएसएमई के तौर पर रजिस्टर कराना चाहते हैं तो आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता होगी।
  • मैंगो पल्प को अपने ब्रांड नाम के तहत बेचना चाहते हैं, तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता होगी।   

 

 

 

मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

सबसे पहले कच्चे माल की बात कर लेते हैं, मैंगो पल्प का बिजनेस शुरू करने के लिए एकमात्र कच्चा माल पके हुए आम हैं । लेकिन इसके अलावा उद्यमी को कच्चे माल के तौर पर पैकेजिंग सामग्री की भी आवश्यकता होती है । इस बिजनेस को शुरू करने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • फलों को धोने के लिए फ्रूट वाशिंग मशीन जिसकी कीमत ₹5 लाख तक हो सकती है।
  • फलों की सोर्टिंग करने के लिए सोर्टिंग कन्वेयर जिसकी कीमत ₹2 लाख तक हो सकती है।
  • फलों को काटने इत्यादि के लिए वर्किंग टेबल की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत ₹1.25 लाख हो सकती है।
  • स्क्रू फीडर की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत ₹3 लाख तक हो सकती है।
  • फलों को कुचलने के लिए फ्रूट क्रेशर जिसकी कीमत ₹40000 तक हो सकती है।
  • एक पल्प कलेक्शन टैंक जिसकी कीमत भी  ₹40000 तक हो सकती है।
  • ट्रान्सफर पंप जिसकी कीमत ₹80000 तक हो सकती है ।
  • स्टीम जैकेटेड कैटल जिसकी कीमत ₹95000 तक हो सकती है ।
  • ट्विन पल्पर जिसकी कीमत ₹2.25 लाख तक हो सकती है।
  • फिलिंग टैंक जिसकी कीमत ₹80000 तक हो सकती है ।
  • स्टीम बायलर जिसकी कीमत ₹6.5 लाख तक हो सकती है ।

यद्यपि प्लांट की उत्पादन क्षमता के आधार पर मैंगो पल्प बिजनेस में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी की कीमत अलग अलग हो सकती है। लेकिन एक ऐसा प्लांट जिसमें प्रति घंटे 300 किलो मैंगो पल्प का उत्पादन किया जाता हो, उस प्लांट में इस्तेमाल होने वाली संभावित मशीनरी की लिस्ट ऊपर दी गई है। इस तरह की यह मशीनरी भारत के सभी बड़े शहरों में आसानी से उपलब्ध है।   

 

 

 

आवश्यक कर्मचारियों को नियुक्त करें

किसी भी बिजनेस को सफल बनाने में उसके मेहनतकश और ईमानदार कर्मचारियों की बड़ी अहम् भूमिका होती है। इसलिए इस तरह के बिजनेस के लिए उद्यमी को कम से कम २ स्किल्ड और ३ अनस्किल्ड कर्मचारियों के अलावा सिक्यूरिटी गार्ड, एडमिनिस्ट्रेशन कम अकाउंटेंट, सुपरवाईजर, मैनेजर इत्यादि को भी नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है ।

उद्यमी को कोशिश करनी चाहिए की शुरूआती दौर में वह कर्मचारियों की संख्या दस से अधिक न बढाए क्योंकि यदि कर्मचारियों की संख्या दस से अधिक हुई, तो उद्यमी को कई और लेबर रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता हो सकती है।

मैंगो पल्प का उत्पादन शुरू करें

उपर्युक्त बताई गई मशीनों की मदद से मैंगों पल्प बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान है जिसे उद्यमी या उद्यमी का कोई कर्मचारी चाहे तो मशीन बेचने वाले सप्लायर से भी सीख सकता है । आम तौर पर इस उत्पादन प्रक्रिया में निम्न स्टेप शामिल हैं ।

  1. सबसे पहले ख़रीदे गए आमों को फ्रूट वाशिंग मशीन की मदद से अच्छी तरह से धो लिया जाता है।
  2. उसके बाद गुणवत्ता मानकों के हिसाब से आमों की सोर्टिंग की जाती हैं।
  3. उसके बाद जो आम सॉर्ट किये गए हैं उन्हें स्क्रू फीडर मशीन में भेजा जाता है ।
  4. और फलों को कुचलने के लिए फ्रूट क्रशिंग मशीन में फलों को भेजा जाता है।
  5. जब कुचलने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो फिर इस क्रश की हुई सामग्री को पल्प कलेक्शन टैंक में भेजा जाता है ।
  6. उसके बाद ट्रान्सफर पंप के माध्यम से इस पल्प को स्टीम जैकेटेड मशीन की तरफ ट्रान्सफर किया जाता है ।
  7. इस पल्प को स्टीम करने के बाद इसे ट्विन पल्पर में रखा जाता है।
  8. उसके बाद इसे फिलिंग टैंक में संग्रहित किया जाता है और स्टीम बायलर की तरफ ट्रान्सफर कर दिया जाता है।
  9. उसके बाद टीन के या प्लास्टिक के डिब्बों में इसे पैक करके बाज़ार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।      

 

 

मैंगो पल्प बनाने का बिजनेस शुरू करने में लागत

यद्यपि इस तरह का बिजनेस (Mango Pulp Business) शुरू करने में आने वाली लागत इस बात पर निर्भर करेगी की उद्यमी किस स्तर का प्लांट स्थापित करने की योजना बना रहा है । लेकिन जिस उत्पादन क्षमता के प्लांट का उल्लेख हम हमारे इस लेख में कर रहे हैं, उसमें प्रति घंटा 300 किलों मैंगो पल्प का उत्पादन शामिल है। इसलिए इस स्तर पर यह बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी ₹80 लाख से ₹1.2 करोड़ तक खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है ।

 

 

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