“हम गहरी सच्चाई का मकसद चाहते हैं,
भाषण में अधिक से अधिक साहस और कार्यवाही में ईमानदारी।”
                                                                             -Sarojini Naidu

सरोजिनी नायडू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थी। सरोजिनी नायडू पहली महिला थी जो इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष और किसी राज्य की गवर्नर बानी। सरोजिनी नायडू बच्चो के लिए कविताए लिखा करती थी उनकी हर एक कविता में एक बचपना पन होता था उसे पढ़ क्र ऐसा लगता था की उनके अंदर का बचपन आज भी जीवित है।
आज हम आप को बताने वाले है भारत की बुलबुल कहे जाने वाली सरोजिनी नायडू के बारे में ,सरोजिनी नायडू हम सब भारतीय के लिए सम्मान का प्रतिक रही है इसके अलावा भारत की महिलाओ के लिए वे आदर्श है इनके जन्म दिन को महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सरोजिनी नायडू जी का पूरा नाम है सरोजनी चट्टोपाध्याय है इनका जन्म इनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था इनका जन्म स्थान हैदराबाद था इनके माता का नाम वारद सुन्दरी देवी और पिता का नाम डॉ अघोरनाथ चटोपाध्या था। इनके पति का नाम डॉ गोविन्द राजुलू नायडू था इनका विवाह (1897) को हुआ था।

सरोजिनी नायडू अंदर देश भक्ति की भावना भी कूट-कूट कर भरी थी जी के कारन कि सरोजिनी नायडू

ने राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल होकर गांधी जी के साथ आह्वान भी किया और उनके साथ लोकप्रिय नमक मार्च में भी सहयोग

किया। सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा भी स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुईं और भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा बानी रही

एक नजर में सरोजिनी नायडू जी की जानकारी –

  •  13 साल की उम्र में सरोजिनी नायडू इन्होंने 1200 पंक्तियों का ‘ए लेडी ऑफ लेक’ नाम  का खंडकाव्य लिखा।
  • 1918 में सरोजिनी नायडू मद्रास प्रांतीय संमेलन का अध्यक्ष पद भुशवाया।
  • 1919 में सरोजिनी नायडू ,आखिल भारतीय होमरूल लोग के प्रतिनिधि मंडल में के सदस्य इस हक़ से वो इग्लंड का दौरा कर के आया।
  •  1930 में महात्मा गाँधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरु किया। गुजरात के धारासना यहाँ का ‘नमक सत्याग्रह’, का नेतृत्व सरोजिनी नायडु इन्होंने बड़े धैर्य के साथ किया।
  •  1942 के ‘चले जाव’ आंदोलन में सरोजिनी नायडू हिस्सा लिया और जेल गयी।
  •  1947 में सरोजिनी नायडू दिल्ली में हुयें आशियायी परिषद् का अध्यक्ष स्थान भुशवाया।
  •  1947 में स्वतंत्र भारत में के उत्तर प्रदेश के पहली राज्यपाल के रूप में सरोजिनी नायडू चुना गया।

सरोजिनी नायडु के द्वारा किये गए कार्यो से देश का गौरव बढ़ा और उन्हें कई सारे पुरुस्कारो से सम्मानित भी किया गया। सरोजिनी नायडुएक ऐसी महिला थी जो किसी भी काम को करने का ठान लेती थी तो पूरा कर के ही शांत होती थी एक तरफ से कहे तो ये दृढ़ निस्चय महिला थी|

सरोजिनी नायडु की मृत्यु –

1947 में देश की आजादी के बाद सरोजिनी नायडु जी को उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया, वे पहली महिला गवर्नर थी।  2 मार्च 1949 को ऑफिस में काम करते हुए उन्हें हार्टअटैक आया और वे चल बसी । सरोजिनी नायडु जी भारत देश की सभी औरतों के लिए आदर्श का प्रतीक है, वे एक सशक्त महिला थी।

                                  “We want deeper sincerity of motive,                                                    a greater courage in speech and earnestness in action”
                                                                                              -Sarojini Naidu

Sarojini Naidu short Biography

Bio/Wiki

  • Name: Sarojini Chattopadhyay
  • Date Of Birth: 13 February 1879
  • Birthplace: Hyderabad, Gujrat
  • Hometown: Bikrampur
  • Nationality: Indian
  • Eduction: University of Madras; King’s College, London; Girton College, Cambridge
  • Profession: Activist, poet, politician

Physical Status

  • Height: 4.10 feet
  • Eye Color: Black
  • Hair Color: Salt and pepper

Family Information

  • Father: Aghorenath Chattopadhyay
  • Mother: Barada Sundari Devi
  • Brother: Harindranath Chattopadhyay, Virendranath Chattopadhyay, Marin Chattopadhyay
  • Sister: Mrinalini Chattopadhyay, Suhasini Chattopadhyay
  • Relationships: Marrried
  • Husband: Muthyala Govindarajulu Naidu

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