Atal Bihari Bajpayee (अटल बिहारी बाजपेयी जी)

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बेनकाब चेहरे है, दाग बड़े गहरे है
टूटता तिलिस्म आज सुच से भय खाता हु
गीत नहीं गाता हु………

इसी तरह से न जाने कितनी कविताओं से लोगो के दिल में राज करने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपयी जी के बारे में आज हम आप को बताने वाले है।

“जन्म अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर, 1924 को लश्कर, ग्वालियर, मध्य प्रदेश (M.P) में हुआ था। अटल बिहारी बाजपेयी जी पिता का नाम पंडित कृष्ण बाजपेयी था, जो अध्यापन का कार्य करते थे, और अटल बिहारी बाजपेयी जी की माता का नाम कृष्णा देवी जो गृहणी थी। अटल जी अपने माता-पिता की सातवीं संतान थी। उनसे पहले उनके तीन बड़े भाई और तीन बहने थी।अटल बिहारी बाजपेयी जी के बड़े भाइयों को अवध बिहारी वाजपेयी,सदा बिहारी वाजपेयी तथा प्रेम बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाता है।”

अटल बिहारी वाजपेयी का सामजिक जीवन- अटल बिहारी बाजपेयी जी अपने छात्र जीवन के दौरान ही अटल बिहारी वाजपेयी जी पढाई के साथ साथ खेलकूद में भी विशेष रूचि रखते थे सन 1939 में एक स्वयसेवक के रूप मेंअटल बिहारी बाजपेयी जी राष्ट्रिय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गये और फिर अटल बिहारी बाजपेयी जी राष्ट्रिय स्तर के वाद-विवाद प्रतियोगिताओ में हिस्सा लेते रहे और इसी दौरान अपनी एलएलबी की पढाई भी बीच में छोड़ दिया और पूरी निष्ठा के साथ संघ के कार्यों में जुट गये और इसी दौरान अटल बिहारी बाजपेयी जीको राजनितिक का पाठ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्राप्त हुआ और फिर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के राजनितिक निर्देशन में आगे बढ़ते रहे और इसी दौरान पांचजन्य, दैनिक स्वदेश, वीर अर्जुन और राष्ट्रधर्म जैसी पत्रिकाओ के सम्पादन का कार्य भी बखूबी रूप से किया और महात्मा रामचन्द्र वीर द्वारा रचित महान कृति “विजय पताका” को पढ़कर अटल बिहारी बाजपेयी जी वाजपेयी का पूरे जीवन की दिशा ही बदल गयी|

राजनीतिक करियर –भारत में साल 1942 में स्वतंत्रता के लिए जब भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था तब से उनका राजनीतिक की शुरुआत हो गई थी। इस आंदोलन में अटल बिहारी बाजपेयी जी और उनके बड़े भाई को अंग्रेज सरकार ने गिरफ्तार करके 25 दिन के लिए जेल में दाल दिया था। 1951 में जब भारतीय जनता संघ नवगठित हुआ तब, उस पार्टी के नेता प्रसाद मुखर्जी ने अटल बिहारी बाजपेयी जीको प्रेरित किया। और बाद में अटल बिहारी बाजपेयी जी भारतीय जनता संघ से जुड़ गए। कुछ समय बाद प्रसाद मुखर्जी की स्वास्थ्य समस्याओं के चलते मृत्यु के बाद और भारतीय जनता संघ का नेतृत्व अटलजी ने संभाला और इस संगठन को अपने विचार तरीके से आगे बढ़ाया। अटलजी साल 1954 में बलरामपुर सीट के चुनाव में संसद सभ्य से खड़ा हुआ और विजय भी हुए। छोटी उम्र के बावजूद उनके राजनीतिक एजंडा और कार्यों से सभी को प्रभावित किया और सभी राजनीतिक व्यक्तियों में सम्मान बढ़ाया। भारत में इंदिरा गांधी के सरकार में इमर्जेन्सी लगाने के बाद साल 1977 में जब जनता पार्टी के मोरारजी देसाई की सरकार आयी, तब अटल बिहारी बाजपेयी जी को इस सरकार में विदेश मंत्रालय सौंपा गया। अटलजी चीन के साथ संबंधों सुधारने के लिए चीन का दौरा भी किया। साल 1971 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध के बाद इन दोनों देशो के बिच व्यापारिक संबंधो फिर से शरु करने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी जी ने पाकिस्तान का दौरा करके एक नई पहल की थी। इसके बाद जब जनता पार्टी और RSS के बिगड़ते रिश्ते के कारज अटलजी ने साल 1979 में मंत्री पद से त्यागपत्र भी दे दिया। 1980 में v ने लालकृष्ण आडवाणी, भैरोसिंह शेखावत तथा भारतीय जनता संघ के सदस्यों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नीव रखी। बीजेपी की स्थापना के बाद अटलजी 5 साल के लिए पार्टी के अध्यक्ष भी रहे थे।

अटल बिहारी जी की कविताओं की कुछ पंक्तिया मई आप को सुनना चाहता हुआ-

आओ फिर से दिया जलाए भरी दुपहरी में

अधियारा सूरज परछाई से

हारा अंतरतम का जेह निचोडे बझी हुई बाती सुलगाए

आओ कि से दीया जलाए।

हम पड़ाव को समझे मनिल लक्ष्य हुआ

आँखो से ओझल वर्तमान के मोहजाल में

अटल बिहारी बाजपेई कि 3 बार इस देश के प्रधानमंत्री बने फर्स्ट टाइम जब उनकी सरकार 1996 में बनी थी वह मात्र 13 दिन की सरकार थी और केंद्र में अब तक की सबसे छोटी सरकार थी उसके बाद जब उनको द्वारा सत्ता हासिल होती है तब लगभग डेढ़ साल तक के प्राइम मिनिस्टर है उस समय जयललिता ने शायद उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया उसकी बेचलर साल बदल सरकार गिर गई थी उसके बाजू में लास्ट पीरियड कंप्लीट के उनके पूरे 5 साल के पीरियड था और वह लागू 2004 तक प्रधानमंत्री रहे उसके बाद में तुम कांग्रेस पार्टी सत्ता में आ गई|

भारत के महान राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 16 अगस्त, साल 2018 में दिल्ली के AIIMS अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली थी। उनकी मौत का कारण यूरिन, सीने और किडनी में भयंकर इंफेक्शन का होना बताया जाता है। वे अपने जीवन के अंतिम दिनों में काफी बीमार रहने लगे थे। साल 2009 में वे ब्रेन स्ट्रोक का भी शिकार हो गए थे, जिसकी वजह से उनकी सोचने-समझने की शक्ति पर भी काफी गहरा असर पड़ा था, और वे डिमेंशिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए थे। उनकी मौत पर पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ पड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजली दी और साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर लगभग 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी।

Atal Bihari Bajpayee short Biography

Bio/Wiki

  • Name: Atal Bihari Bajpayee
  • Date Of Birth: 25 December 1924
  • Birthplace: Laskar, Gwalior, (MP)
  • Nationality: Indian
  • Profession: Politician

Family Information

  • Father: Pt.Krishn Bajpayee
  • Mother: Krishna Devi
  • Brother: Sudha Bihari Bajpayee, Prem Bihari Bajpayee, Avadh Bihari Bajpayee
  • Sister: Vimala Mishra, Kamala Devi, Urmila Mishri
  • Relationships: Unmarrried

Physical Status

  • Height: 5.6 feet
  • Eye colour:  Black
  • Hair colour: Grey

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